Home StoriesEducational जब एग्जाम सेंटर 3-4 घंटे देरी से एग्जाम शुरू करता है, तो उसकी जिम्मेदारी कौन लेता है? – कुंज बिहारी सिंगल

जब एग्जाम सेंटर 3-4 घंटे देरी से एग्जाम शुरू करता है, तो उसकी जिम्मेदारी कौन लेता है? – कुंज बिहारी सिंगल

by today punjab24

जब एग्जाम सेंटर 3-4 घंटे देरी से एग्जाम शुरू करता है, तो उसकी जिम्मेदारी कौन लेता है? – कुंज बिहारी सिंगल

रिपोर्ट – जसप्रीत सिंह ,कोटा राजस्थान

 

सुभाष नगर के निजी एग्जाम सेंटर में आज बिट्स पिलानी और आईआईटी के बच्चों का एग्जाम आयोजित हुआ। लेकिन, सुबह 7:30 बजे के रिपोर्टिंग टाइम के बावजूद बच्चों और अभिभावकों को यह नहीं बताया गया कि एग्जाम कब शुरू होगा। धूप में बच्चों और उनके माता-पिता को बाहर खड़ा रहना पड़ा।

जब यह मामला आम आदमी पार्टी के जिला अध्यक्ष एडवोकेट कुंज बिहारी सिंगल को पता चला, तो उन्होंने एग्जाम एडमिन से बात की। इसके बाद बच्चों को अंदर लिया गया, लेकिन अभिभावकों को बाहर ही रखा गया। सुबह 7:30 बजे का एग्जाम 11 बजे शुरू हुआ।

सवाल यह है कि अगर एक बच्चा सिस्टम की खामियों, सड़कों की खराब स्थिति या सरकारी व्यवस्थाओं के कारण 1 मिनट भी लेट हो जाए, तो उसे एग्जाम से वंचित कर दिया जाता है। उसका करियर, उसका एक साल बर्बाद हो जाता है। लेकिन जब एग्जाम सेंटर 3-4 घंटे देरी से एग्जाम शुरू करता है, तो उसकी जिम्मेदारी कौन लेता है? कोई जुर्माना क्यों नहीं लगता?

एडवोकेट कुंज बिहारी सिंगल ने सिस्टम और सरकार से सवाल किया कि अगर बच्चा लेट होता है, तो उसे एग्जाम देने के अधिकार से क्यों वंचित किया जाता है? कई बार ऐसी स्थिति में बच्चे निराशा में आत्महत्या जैसे कदम उठाते हैं। इसका जिम्मेदार कौन है? यह सवाल कोटा और सिस्टम बनाने वालों से है।

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